BHOPAL. हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर के दिन है। ये व्रत सुहागन अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में शाम को पूजा करने और कथा सुनने के बाद रात में चंद्रमा देखने के बाद व्रत खोला जाता है। पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत पूरा कराते हैं। चांद के दर्शन करने के बाद बहू अपनी सास को थाली में मिष्ठान, फल, मेवे, रुपए या फिर कुछ गिफ्ट देती है। सास उन्हें आशीर्वाद देती है। करवा चौथ के दिन चांद के दर्शन करने तक ना सुहागन कुछ खाती है और न ही कुछ पीती हैं।
सास बनाती है सरगी
कुछ राज्यों में करवा चौथ का त्योहार सरगी के साथ शुरू होता है। करवा चौथ वाले दिन सुहागन सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं। ये सरगी व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए उनकी सास तैयार करती है। करवा चौथ हिमाचल, यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में बेहद खास तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। सरगी, सास द्वारा दिया जाने वाला भोजन है, जो सुबह 3 से 4 बजे खाकर महिलाएं व्रत शुरू करते हैं।
व्रत वाले दिन पहने लाल रंग के कपड़े
ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ वाले दिन सुहागनों को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नव-विवाहित महिलाएं या फिर जो भी महिलाएं इस व्रत को पहली बार रखती हैं। उनके लिए उनके मायके से ससुराल में बाया भेजा जाता है। बाया में कपड़े, मिठाइयां, मेवे और फल शामिल होते हैं।
करवा माता की आरती
- ओम जय करवा मइया, माता जय करवा मइया।
व्रत की पूजन विधि
- इस दिन सुहागन सबसे पहले सुबह स्नान करती हैं।
व्रत के दिन गलती से भी ना करें ये काम
- सुबह देर तक न सोएं।
करवा चौथ के दिन थाली को ऐसे सजाएं
करवा चौथ पूजा थाली में माता पार्वती और शिवजी की मूर्ति या फोटो रखें। इसके अलावा चंदन, अगरबत्ती, फूल, घी, बाती, मिठाई, गंगाजल, अक्षत, कुमकुम, दीपक, कपूर, हल्दी, पानी का कलश, सिंदूर, पानी का कलश, दक्षिणा के लिए पैसे, आसन, करवा चौथ व्रत कथा की किताब, श्रृंगार का सामान, जो मां को चढ़ाया जाता है, उसे थाली में रखते हैं।