करवा चौथ का व्रत सरगी के साथ शुरू किया जाता है, पूजा के लिए ऐसे सजाएं थाली, 11 बातों का रखें खास ध्यान 

author-image
Pratibha Rana
एडिट
New Update
करवा चौथ का व्रत सरगी के साथ शुरू किया जाता है, पूजा के लिए ऐसे सजाएं थाली, 11 बातों का रखें खास ध्यान 

BHOPAL. हर साल कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। इस साल करवा चौथ का व्रत 13 अक्टूबर के दिन है। ये व्रत सुहागन अपने पति की लंबी उम्र के लिए रखती हैं। इस व्रत में शाम को पूजा करने और कथा सुनने के बाद रात में चंद्रमा देखने के बाद व्रत खोला जाता है। पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत पूरा कराते हैं। चांद के दर्शन करने के बाद बहू अपनी सास को थाली में मिष्ठान, फल, मेवे, रुपए या फिर कुछ गिफ्ट देती है। सास उन्हें आशीर्वाद देती है। करवा चौथ के दिन चांद के दर्शन करने तक ना सुहागन कुछ खाती है और न ही कुछ पीती हैं।  



सास बनाती है सरगी



कुछ राज्यों में करवा चौथ का त्योहार सरगी के साथ शुरू होता है। करवा चौथ वाले दिन सुहागन सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं। ये सरगी व्रत रखने वाली महिलाओं के लिए उनकी सास तैयार करती है। करवा चौथ हिमाचल, यूपी, बिहार, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में बेहद खास तरीके से सेलिब्रेट किया जाता है। सरगी, सास द्वारा दिया जाने वाला भोजन है, जो सुबह 3 से 4 बजे खाकर महिलाएं व्रत शुरू करते हैं।  



व्रत वाले दिन पहने लाल रंग के कपड़े



ऐसा माना जाता है कि करवा चौथ वाले दिन सुहागनों को लाल रंग के कपड़े पहनने चाहिए। नव-विवाहित महिलाएं या फिर जो भी महिलाएं इस व्रत को पहली बार रखती हैं। उनके लिए उनके मायके से ससुराल में बाया भेजा जाता है। बाया में कपड़े, मिठाइयां, मेवे और फल शामिल होते हैं। 



करवा माता की आरती 




  • ओम जय करवा मइया, माता जय करवा मइया।


  • जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया,ओम जय करवा मइया।।

  • सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी। यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी,ओम जय करवा मइया।

  • कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती। दीर्घायु पति होवे, दुख सारे हरती,ओम जय करवा मइया।। 

  • होए सुहागन नारी, सुख सम्पत्ति पावे। गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे, ओम जय करवा मइया।।

  • करवा मइया की आरती, व्रत कर जो गावे। व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे,ओम जय करवा मइया।।

  •  



  • व्रत की पूजन विधि






    • इस दिन सुहागन सबसे पहले सुबह स्नान करती हैं। 


  • चौथ माता की पूजा की जाती है।

  • अखंड सौभाग्य के लिए सुहागन निर्जला व्रत रखती हैं।

  • पूजा के लिए 16 श्रृंगार करते हैं।

  • पूजा के मुहूर्त में चौथ माता या मां गौरी और गणेश जी की विधि-विधान से पूजा की जाती है।

  • शाम के समय चंद्रोदय से 1 घंटा पहले शिव-परिवार की पूजा की जाती है।

  • करवा चौथ व्रत की कथा सुनी जाती है।

  • चंद्रमा के दर्शन करते हैं

  • पति के हाथों जल ग्रहण करके व्रत को खोलती हैं। 



  • व्रत के दिन गलती से भी ना करें ये काम




    • सुबह देर तक न सोएं।


  • सूर्योदय से पहले ही सरगी खाएं। 

  • नई श्रृंगार सामग्री का इस्तेमाल करें।

  • सुई-धागे, कढ़ाई, सिलाई न करें।

  • झूठ न बोलें।

  • किसी पर गुस्सा ना करें।

  • प्याज, लहसुन न खाएं।

  • किसी को बुरा ना बोलें।

  • गलती से भी पानी न पिएं।

  • पति और सास का आशीर्वाद लेना न भूलें।

  • काले और सफेद रंग के कपड़े न पहनें। 



  • करवा चौथ के दिन थाली को ऐसे सजाएं



    करवा चौथ पूजा थाली में माता पार्वती और शिवजी की मूर्ति या फोटो रखें। इसके अलावा चंदन, अगरबत्ती, फूल, घी, बाती, मिठाई, गंगाजल, अक्षत, कुमकुम, दीपक, कपूर, हल्दी, पानी का कलश, सिंदूर, पानी का कलश, दक्षिणा के लिए पैसे, आसन, करवा चौथ व्रत कथा की किताब, श्रृंगार का सामान, जो मां को चढ़ाया जाता है, उसे थाली में रखते हैं।


    Karvachauth Vrat 2022 करवाचौथ व्रत 2022 Mother-in-law prepares Sargi for Suhagan worship method of Karva Chauth करवा चौथ की पूजन विधि सुहागन के लिए सास करती है सरगी तैयार